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बीए सेमेस्टर-3 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2650
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 राजनीति विज्ञान

प्रश्न- भारतीय संविधान संघीय व्यवस्था स्थापित करता है। संक्षेप में बताएँ।

अथवा
सहकारी संघवाद से आप क्या समझते हैं? क्या भारत सहकारी संघवाद का उदाहरण है?

उत्तर -

(1) संविधान की सर्वोच्चता - लिखित संविधान संघवाद की प्रथम शर्त है। डायसी के अनुसार, “एक संघीय राज्य अपना अस्तित्व उस लेख-पत्र से प्राप्त करता है जिसके द्वारा उसकी स्थापना हुई है। संघीय राज्य में लिखित संविधान सर्वोच्च कानून होता है। संविधान के लिखित स्वरूप से संघीय मामलों में मतभेद होने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है। साधारण कानूनों की तुलना में लिखित संविधान स्थायी होते हैं। संविधान के द्वारा सरकारों के संगठन और कार्यों का कानूनी और संवैधानिक आधार तथा संघ और राज्यों के सम्बन्ध और क्षेत्राधिकार निर्धारित किये जाते हैं। अमेरिकी संविधान की भाँति यद्यपि भारतीय संविधान में यह घोषित नहीं किया गया है कि संविधान सर्वोच्च होगा, लेकिन फिर भी भारतीय संविधान इस देश का लिखित सर्वोच्च कानून है। इसके उपबन्ध सभी सरकारों पर बाध्यकारी हैं और किसी भी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। भारत में कोई भी शक्ति संविधान के ऊपर नहीं है।"

(2) शक्तियों का विभाजन -अन्य संघों की भाँति भारतीय संविधान द्वारा भी संघ और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन किया गया है। संविधान के इस अंश का निर्माण कनाडा के संघ की प्रेरणा पर आधारित है, परन्तु एक समवर्ती सूची और जोड़ दी गई, जो आस्ट्रेलिया के संविधान की देन है। शक्ति-विभाजन तीन सूचियों के आधार पर किया गया है-

(i) संघ सूची - संघ सूची में 97 विषय हैं, यह सूची तीनों सूचियों में विशाल है। इसके प्रमुख विषय इस प्रकार हैं—प्रतिरक्षा, सशस्त्र सेनाएँ, अणुशक्ति, विदेशी कार्य, राजनयिक प्रतिनिधित्व, युद्ध एवं शान्ति, डाक, तार, बेतार, दूरभाष, संचार, सिक्का, टंकण, विदेशी विनिमय विदेशी ऋण, भारत का रिजर्व बैंक, सीमाकार, इत्यादि-इत्यादि विषय जो संघ के लिए समान हित के थे तथा सम्पूर्ण देश को एकसूत्रता प्रदान करने के लिए आवश्यक है। इस सूची में वर्णित विषयों पर केवल संसद को ही विधि निर्माण का अधिकार है।

(ii) राज्य सूची - मूल संविधान के अन्तर्गत राज्य सूची में कुल 66 विषय रखे गये थे, लेकिन 42वें -संवैधानिक संशोधन (1976) द्वारा राज्य सूची के चार विषय (शिक्षा, वन, जंगली जानवरों और पक्षियों की रक्षा तथा नाप-तौल) राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में कर दिये गये। इसमें कुछ प्रमुख विषय हैं—पुलिस, न्याय, जेल, स्थानीय, स्वशासन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई और सड़कें आदि। राज्य सूची में शामिल विषयों के सम्बन्ध में कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य विधानमण्डल को ही होता है।

(iii) समवर्ती सूची - इस सूची में वे विषय रखे गये हैं, जिनका महत्व क्षेत्रीय और संघीय दोनों ही दृष्टियों से है। मूल संविधान के अनुसार इस सूची में 47 विषय थे, लेकिन 42वें संवैधानिक संशोधन द्वारा राज्य सूची के चार विषय समवर्ती सूची में कर दिये गये और एक नवीन विषय 'जनसंख्या नियन्त्रण और परिवार नियोजन' समवर्ती सूची में जोड़ा गया। इसमें कुछ प्रमुख विषय हैं—फौजदारी विधि और प्रक्रिया, निवारक निरोध, विवाह और विवाह-विच्छेद, कारखाने, श्रमिक संघ, औद्योगिक विवाद, सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक बीमा, शिक्षा, जनसंख्या नियन्त्रण और परिवार नियोजन, आदि।

समवर्ती सूची के ये विषय केंन्द्र तथा राज्य दोनों के ही क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत रखे गये हैं। इन विषयों पर यदि केन्द्रीय सरकार ने कोई व्यवस्थापन नहीं किया है तो राज्य के विधान मण्डल कानून बना सकते हैं, किन्तु यदि संसद कभी भी कानून बना दे तो वह राज्य द्वारा पारित विधि को शून्य करने में सक्षम होगी। परन्तु अनुच्छेद 254 के अन्तर्गत इसका एक अपवाद भी है कि यदि समवर्ती सूची पर राज्य के व्यवस्थापन को राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, तो यह विधि संसद की विधि के बावजूद भी लागू हो सकेगी।

कनाडा की भाँति भारत में भी अवशिष्टाधिकार (Residuary Powers) केन्द्र को ही कानून किये गये हैं। अनुच्छेद 249 के अनुसार, राज्यसभा के प्रस्ताव से संसद राज्य सूची के किसी भी विषय पर कानून बना सकती है। अनुच्छेद 250 के अनुसार, संकटकाल में भी संसद राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है। इसी प्रकार अनुच्छेद 252 के अनुसार दो या दो से अधिक राज्यों के निवेदन पर संसद राज्य सूची के विषयों पर व्यवस्थापन कर सकती है।

(3) स्वतंत्र सर्वोच्च न्यायालय - भारतीय संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करने के लिए स्वतन्त्र सर्वोच्च न्यायालय की भी व्यवस्था की गई है। संविधान के द्वारा केन्द्र में एक सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों में उच्च न्यायालयों की भी व्यवस्था की गई है जिन्हें उन कानूनों को अवैधानिक घोषित करने का अधिकार है, जो संविधान के विरुद्ध हैं। प्रो. के. वी. राव के शब्दों में, “इस दृष्टि से हमारा संविधान सोवियत संघ या स्विट्जरलैण्ड के संविधान से अधिक संघात्मक है।"

(4) उच्च सदन का राज्य सदन होना - भारतीय संसद का उच्च सदन अर्थात् राज्यसभा राज्यों का सदन है। यह राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है। यद्यपि यह सच है कि वह प्रतिनिधित्व समानता के आधार पर न होकर, जनसंख्या के आधार पर है।

(5) संशोधन प्रणाली - भारतीय संविधान में संशोधन प्रणाली पूर्णतया संघीय प्रक्रिया के अनुरूप है। कतिपय संशोधन विधेयकों को राष्ट्रपति के समक्ष उनकी अनुमति के लिए प्रस्तुत करने से पूर्व कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमण्डलों के संकल्प द्वारा स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक है। यदि आधे राज्यों के विधानमण्डलों की स्वीकृति प्राप्त न हो तो संविधान के अनेक महत्वपूर्ण अंशों में संशोधन नहीं किया जा सकता।

उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारतीय संविधान एक पूर्ण संघात्मक प्रणाली की स्थापना करता है। पायली ने लिखा है कि "भारतीय संविधान के संघीय न होने पर विवाद उठाने का कोई कारण दृष्टिगत नहीं होता। संविधान संघवाद की कसौटी पर खरा उतरता है।"

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सन 1909 ई. अधिनियम पारित होने के कारण बताइये।
  2. प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम, (1909 ई.) के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख कीजिए।
  3. प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम, 1909 ई. के मुख्य दोषों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- 1935 के भारत सरकार अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
  5. प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम, 1935 ई. का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  6. प्रश्न- 'भारत के प्रजातन्त्रीकरण में 1935 ई. के अधिनियम ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
  7. प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम, 1919 ई. के प्रमुख प्रावधानों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- सन् 1995 ई. के अधिनियम के अन्तर्गत गर्वनरों की स्थिति व अधिकारों का परीक्षण कीजिए।
  9. प्रश्न- माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919 ई.) के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- लोकतंत्र के आयाम से आप क्या समझते हैं? लोकतंत्र के सामाजिक आयामों पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- लोकतंत्र के राजनीतिक आयामों का वर्णन कीजिये।
  12. प्रश्न- भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को आकार देने वाले कारकों पर प्रकाश डालिये।
  13. प्रश्न- भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को आकार देने वाले संवैधानिक कारकों पर प्रकाश डालिये।
  14. प्रश्न- संघवाद (Federalism) से आप क्या समझते हैं? क्या भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है? यदि हाँ तो उसके लक्षण क्या-क्या हैं?
  15. प्रश्न- भारतीय संविधान संघीय व्यवस्था स्थापित करता है। संक्षेप में बताएँ।
  16. प्रश्न- संघवाद से आप क्या समझते हैं? संघवाद की पूर्व शर्तें क्या हैं? भारत के सन्दर्भ में संघवाद की उभरती हुई प्रवृत्तियों की चर्चा कीजिए।
  17. प्रश्न- भारत के संघवाद को कठोर ढाँचे में नही ढाला गया है" व्याख्या कीजिए।
  18. प्रश्न- राज्यों द्वारा स्वयत्तता (Autonomy) की माँग से आप क्या समझते हैं?
  19. प्रश्न- क्या भारत को एक सच्चा संघ (True Federation) कहा जा सकता है?
  20. प्रश्न- संघीय व्यवस्था में केन्द्र शक्तिशाली है क्यों?
  21. प्रश्न- क्या भारतीय संघीय व्यवस्था में गठबन्धन की सरकारें अपरिहार्य हैं? चर्चा कीजिए।
  22. प्रश्न- क्या क्षेत्रीय राजनीतिक दल भारतीय संघीय व्यवस्था के लिए संकट है? चर्चा कीजिए।
  23. प्रश्न- केन्द्रीय सरकार के गठन में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- भारत में गठबन्धन सरकार की राजनीति क्या है? गठबन्धन धर्म से क्या तात्पर्य है?
  25. प्रश्न- भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों के विषय में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
  26. प्रश्न- राजनीतिक दलों का वर्गीकरण करें। दलीय पद्धति कितने प्रकार की होती है? गुण-दोषों के आधार पर विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- दलीय पद्धति के लाभ व हानियाँ क्या हैं?
  28. प्रश्न- भारतीय दलीय व्यवस्था में पिछले 60 वर्षों में आए परिवर्तनों के कारणों की चर्चा कीजिए।
  29. प्रश्न- आर्थिक उदारवाद के इस युग में भारत में गठबंधन की राजनीति के भविष्य की आलोचनात्मक चर्चा कीजिए।
  30. प्रश्न- दलीय प्रणाली (Party System) में क्या दोष पाये जाते हैं?
  31. प्रश्न- दबाव समूह व राजनीतिक दलों में क्या-क्या अन्तर है?
  32. प्रश्न- भारत में क्षेत्रीय दलों के उदय एवं विकास के लिए उत्तरदायी तत्व कौन से हैं?
  33. प्रश्न- 'गठबन्धन धर्म' से क्या तात्पर्य है? क्या यह नियमों एवं सिद्धान्तों के साथ समझौता है?
  34. प्रश्न- क्षेत्रीय दलों के अवगुण, टिप्पणी कीजिए।
  35. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है? सामुदायिक विकास कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है?
  36. प्रश्न- 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- पंचायती राज से आप क्या समझते हैं? ग्रामीण पुननिर्माण में पंचायतों के कार्यों एवं महत्व को बताइये।
  38. प्रश्न- भारतीय ग्राम पंचायतों के दोषों की विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- ग्राम पंचायतों का ग्रामीण समाज में क्या महत्व है?
  40. प्रश्न- क्षेत्र पंचायत के संगठन तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- जिला पंचायत का संगठन तथा ग्रामीण समाज में इसकी भूमिका की विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- भारत में स्थानीय शासन के सम्बन्ध में 'पंचायत राज' के सिद्धान्त व व्यवहार की आलोचना कीजिए।
  43. प्रश्न- नगरपालिका क्या है? तथा नगरपालिका के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- नगरीय स्वायत्त शासन की विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- ग्राम सभा के प्रमुख कार्य बताइये।
  46. प्रश्न- ग्राम पंचायत की आय के प्रमुख साधन बताइये।
  47. प्रश्न- पंचायती व्यवस्था के चार उद्देश्य बताइये।
  48. प्रश्न- ग्राम पंचायत के चार अधिकार बताइये।
  49. प्रश्न- न्याय पंचायत का गठन किस प्रकार किया जाता है?
  50. प्रश्न- ग्राम पंचायत से आप क्या समझते तथा ग्राम सभा तथा ग्राम पंचायत में क्या अन्तर है?
  51. प्रश्न- ग्राम पंचायत की उन्नति के लिए सुझाव दीजिए।
  52. प्रश्न- ग्रामीण समुदाय पर पंचायत के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भारत में पंचायत राज संस्थाएँ बताइये।
  54. प्रश्न- क्षेत्र पंचायत का ग्रामीण समाज में क्या महत्व है?
  55. प्रश्न- ग्राम पंचायत के महत्व को बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं?
  56. प्रश्न- नगर निगम के संगठनात्मक संरचना का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- नगर निगम के भूमिका एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- नगरीय स्वशासन संस्थाओं की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- नगरीय निकायों की संरचना पर टिप्पणी लिखिए।
  60. प्रश्न- नगर पंचायत पर टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- दबाव व हित समूह में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  62. प्रश्न- दबाव समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूहों के क्या लक्षण हैं? दबाव समूहों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के विषय में बतायें।
  63. प्रश्न- दबाव समूह अपने हित पूरा करने के लिए किस प्रकार कार्य करते हैं?
  64. प्रश्न- दबाव समूहों के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  65. प्रश्न- भारत के प्रमुख राजनीतिक दलों के विषय में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
  66. प्रश्न- दबाव समूह किसे कहते हैं? दबाव समूह के कार्यों को लिखिए। भारत की राजनीति में दबाव समूहों की भूमिका की चर्चा कीजिए।
  67. प्रश्न- मतदान व्यवहार क्या है? मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्वों की विवेचना कीजिए।
  68. प्रश्न- दबाव समूह व राजनीतिक दलों में क्या-क्या अन्तर है?
  69. प्रश्न- दबाव समूहों के दोषों का वर्णन करें।
  70. प्रश्न- भारत में श्रमिक संघों की विशेषताएँ। टिप्पणी कीजिए।
  71. प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को दूर करने के सुझाव दीजिए।
  73. प्रश्न- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1996 के अंतर्गत चुनाव सुधार के संदर्भ में किये गये प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- क्या निर्वाचन आयोग एक निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र संस्था है? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- चुनाव सुधारों में बाधाओं पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व बताइये।
  77. प्रश्न- चुनाव सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  78. प्रश्न- अलगाव से आप क्या समझते हैं? अलगाववाद के कारण क्या हैं?
  79. प्रश्न- भारतीय राजनीति में धर्म की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  80. प्रश्न- धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक पक्ष को स्पष्ट कीजिए।
  81. प्रश्न- सकारात्मक राजनीतिक कार्यवाही से क्या आशय है? इसके लिए भारतीय संविधान में क्या प्रावधान किए गए हैं?
  82. प्रश्न- जाति को परिभाषित कीजिए। भारतीय राजनीति पर जातिगत प्रभाव का अध्ययन कीजिए। जाति के राजनीतिकरण की विवेचना भी कीजिए।
  83. प्रश्न- निर्णय प्रक्रिया में राजनीतिक दलों में जाति की क्या भूमिका है?
  84. प्रश्न- राज्यों की राजनीति को जाति ने किस प्रकार प्रभावित किया है?
  85. प्रश्न- क्षेत्रीयतावाद (Regionalism) से क्या अभिप्राय है? इसने भारतीय राजनीति को किस प्रकार प्रभावित किया है? क्षेत्रवाद के उदय के क्या कारण हैं?
  86. प्रश्न- भारतीय राजनीति पर क्षेत्रवाद के प्रभावों का अध्ययन कीजिए।
  87. प्रश्न- क्षेत्रवाद के उदय के लिए कौन-से तत्व जिम्मेदार हैं?
  88. प्रश्न- भारत में भाषा और राजनीति के सम्बन्धों पर प्रकाश डालिये।
  89. प्रश्न- उर्दू और हिन्दी भाषा को लेकर भारतीय राज्यों में क्या विवाद है? संक्षेप में चर्चा कीजिए।
  90. प्रश्न- भाषा की समस्या हल करने के सुझाव दीजिए।
  91. प्रश्न- साम्प्रदायिकता से आप क्या समझते हैं? साम्प्रदायिकता के उदय के कारण और इसके दुष्परिणामों की चर्चा करते हुए इसको दूर करने के सुझाव बताइये। भारतीय राजनीति पर साम्प्रदायिकता का क्या प्रभाव पड़ा? समझाइये।
  92. प्रश्न- साम्प्रदायिकता के उदय के पीछे क्या कारण हैं?
  93. प्रश्न- साम्प्रदायिकता के दुष्परिणामों की चर्चा कीजिए।
  94. प्रश्न- साम्प्रदायिकता को दूर करने के सुझाव दीजिये।
  95. प्रश्न- भारतीय राजनीति पर साम्प्रदायिकता के प्रभाव का विश्लेषण कीजिए।
  96. प्रश्न- जाति व धर्म की राजनीति भारत में चुनावी राजनीति को कैसे प्रभावित करती है। क्या यह सकारात्मक प्रवृत्ति है या नकारात्मक?
  97. प्रश्न- "वर्तमान भारतीय राजनीति में धर्म, जाति तथा आरक्षण प्रधान कारक बन गये हैं।" इस पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- 'जातिवाद' और सम्प्रदायवाद प्रजातंत्र के दो बड़े शत्रु हैं। टिप्पणी करें।
  99. प्रश्न- उत्तर प्रदेश के बँटवारे की राजनीति को समझाइए।
  100. प्रश्न- जन राजनीतिक संस्कृति के विकास के कारण का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- 'भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका' संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
  102. प्रश्न- चुनावी राजनीति में भावनात्मक मुद्दे पर प्रकाश डालिए।
  103. प्रश्न- भ्रष्टाचार से क्या अभिप्राय है? भ्रष्टाचार की समस्या के लिए कौन से कारण उत्तरदायी हैं? इस समस्या के समाधान के लिए उपाय बताइए।
  104. प्रश्न- भ्रष्टाचार के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं?
  105. प्रश्न- भ्रष्टाचार उन्मूलन के कौन-कौन से उपाय हैं?
  106. प्रश्न- भारत में राजनैतिक, व्यापारिक-औद्योगिक तथा धार्मिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- भ्रष्टाचार क्या है? भारत के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, व्यापारिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- भारत के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, व्यापारिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- भ्रष्टाचार के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  110. प्रश्न- सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की रोकथाम के सुझाव दीजिये।
  111. प्रश्न- भ्रष्टाचार से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  112. प्रश्न- भ्रष्टाचार की विशेषताओं को बताइए।
  113. प्रश्न- लोक जीवन में भ्रष्टाचार के कारण बताइये।
  114. प्रश्न- राष्ट्रपति शासन क्या है? यह किन परिस्थितियों में लागू होता है? राष्ट्रपति शासन लगने से क्या परिवर्तन होता है?
  115. प्रश्न- दल-बदल की समस्या (भारतीय राजनैतिक दलों में)।
  116. प्रश्न- राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री के सम्बन्धों पर वैधानिक व राजनीतिक दृष्टिकोण क्या है? उनके सम्बन्धों के निर्धारक तत्व कौन-से हैं?
  117. प्रश्न- दल-बदल कानून (Anti Defection Law) पर टिप्पणी कीजिए।
  118. प्रश्न- संविधान के क्रियाकलापों पर पुनर्विलोकन हेतु स्थापित राष्ट्रीय आयोग (2002) की दलबदल नियम पद संस्तुति, टिप्पणी कीजिए।

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